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लेखनी प्रतियोगिता -20-Nov-2022 संस्कार

"हैलो । याशिका, कैसी है तू" ? 
"मैं ठीक हूं मम्मी । आप कैसी हैं" ? 
"क्या बताऊं बेटा , बहुत परेशान हूं" 
"क्यों क्या हो गया" ? 
"अरे , जब से ये आई है , परेशान कर रखा है इसने" 
"किसने मम्मी ? क्या पापा ने या भैया ने" ? 
"अरे नहीं रे । इनमें इतना दम कहां जो मुझे परेशान कर सकें । ये तो तेरी भाभी नायरा है जिसने नाक में दम कर रखा है" 
"अरे ! उसे आये तो जुम्मा जुम्मा 10 दिन हुए हैं । अभी से ये हाल है ? क्या बात हो गई" ? 
"बात क्या हुई , ये ना तो बड़ों का आदर सम्मान करती हैऔर ना ही बात करने की तमीज है इसमें । गुस्सा तो हमेशा नाक पर चढा रहता है उसके । यहां का तो कुछ पसंद ही नहीं आता है उसे । ना खाना ना नाश्ता ना कुछ और । पता नहीं इसके घरवालों ने कुछ संस्कार सिखाये भी हैं या नहीं" ? बड़ी खीज भरी आवाज थी याशिका की मम्मी की । 
"आजकल की लड़कियां होती ही ऐसी हैं तुनकमिजाज, गुस्सैल, आजाद खयाल । किसी की भावनाओं की परवाह नहीं होती है इनको । असंस्कारी कहीं की । अपनी मम्मी की ही बात मानती हैं ये ससुराल वालों की नहीं" । 
"बिल्कुल सही कहा बेटा तूने । ऐसी ही है वो । बहुत परेशान हो गई हूं इन दिनों । पर एक बात बता , तू भी तो कुछ दिन ससुराल रही थी , तूने भी ऐसे ही परेशान किया था क्या अपनी सास को" ? 
"आपको तो सब पता है मम्मी , फिर क्यों पूछ रही हो ? जब मैं डोली में बैठने लगी थी तब आपने ही तो कहा था कि सास की कोई बात मत मानना वरना वह "हावी" हो जायेगी । आपने यह भी कहा था कि मुझसे पूछ पूछ कर ही काम करना । कोई भी बात हो , छोटी से छोटी , बिना मुझसे पूछे कुछ मत कहना । बस , फिर मैंने अपनी सास को ऐसा नाच नचाया कि तीन दिन में ही उसने "इनसे" कह दिया कि बेटा बहू को नौकरी पर साथ लेकर जाना । एक झटके में ही सारी आफत खत्म । देखा , मैं कितनी संस्कारी हूं और ये नायरा कितनी असंस्कारी बहू है" । मां की परेशानियां देखकर याशिका के चेहरे पर चिंता की लकीरें उभर आईं । 

श्री हरि 
20.11.22 


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6 Comments

Gunjan Kamal

23-Nov-2022 05:25 PM

बेहतरीन

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Peehu saini

22-Nov-2022 04:32 PM

Adwitiya 🌹👏

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Punam verma

21-Nov-2022 08:49 AM

Very nice

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